लोभश्चेदगुणेन किं ?
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लोभश्चेदगुणेन किं ? पिशुनता यद्यस्ति किं पातकैः ? |
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तैं कां दुर्गुण लोभ जैं ? पिशुनता जै कां महापातके ? |
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लोभश्चेदगुणेन किं ? पिशुनता यद्यस्ति किं पातकैः ? |
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तैं कां दुर्गुण लोभ जैं ? पिशुनता जै कां महापातके ? |