६. ३. १ अलुगुत्तरपदे |
६. ३. २ पञ्चम्याः स्तोकादिभ्यः |
६. ३. ३ ओजःसहोऽम्भस्तमसः तृतीयायाः |
६. ३. ४ मनसः संज्ञायाम् |
६. ३. ५ आज्ञायिनि च |
६. ३. ६ आत्मनश्च पूरणे |
६. ३. ७ वैयाकरणाख्यायां चतुर्थ्याः |
६. ३. ८ परस्य च |
६. ३. ९ हलदन्तात् सप्तम्याः संज्ञायाम् |
६. ३. १० कारनाम्नि च प्राचां हलादौ |
६. ३. ११ मध्याद्गुरौ |
६. ३. १२ अमूर्धमस्तकात् स्वाङ्गादकामे |
६. ३. १३ बन्धे च विभाषा |
६. ३. १४ तत्पुरुषे कृति बहुलम् |
६. ३. १५ प्रावृट्शरत्कालदिवां जे |
६. ३. १६ विभाषा वर्षक्षरशरवरात् |
६. ३. १७ घकालतनेषु कालनाम्नः |
६. ३. १८ शयवासवासिषु अकालात् |
६. ३. १९ नेन्सिद्धबध्नातिषु |
६. ३. २० स्थे च भाषायाम् |
६. ३. २१ षष्ठ्या आक्रोशे |
६. ३. २२ पुत्रेऽन्यतरस्याम् |
६. ३. २३ ऋतो विद्यायोनिसम्बन्धेभ्यः |
६. ३. २४ विभाषा स्वसृपत्योः |
६. ३. २५ आनङ् ऋतो द्वंद्वे |
६. ३. २६ देवताद्वंद्वे च |
६. ३. २७ ईदग्नेः सोमवरुणयोः |
६. ३. २८ इद्वृद्धौ |
६. ३. २९ दिवो द्यावा |
६. ३. ३० दिवसश्च पृथिव्याम् |
६. ३. ३१ उषासोषसः |
६. ३. ३२ मातरपितरावुदीचाम् |
६. ३. ३३ पितरामातरा च च्छन्दसि |
६. ३. ३४ स्त्रियाः पुंवद्भाषितपुंस्कादनूङ् समानाधिकरणे
स्त्रियामपूरणीप्रियाऽऽदिषु |
६. ३. ३५ तसिलादिषु आकृत्वसुचः |
६. ३. ३६ क्यङ्मानिनोश्च |
६. ३. ३७ न कोपधायाः |
६. ३. ३८ संज्ञापूरण्योश्च |
६. ३. ३९ वृद्धिनिमित्तस्य च तद्धितस्यारक्तविकारे |
६. ३. ४० स्वाङ्गाच्चेतोऽमानिनि |
६. ३. ४१ जातेश्च |
६. ३. ४२ पुंवत् कर्मधारयजातीयदेशीयेषु |
६. ३. ४३ घरूपकल्पचेलड्ब्रुवगोत्रमतहतेषु ङ्योऽनेकाचो
ह्रस्वः |
६. ३. ४४ नद्याः शेषस्यान्यतरस्याम् |
६. ३. ४५ उगितश्च |
६. ३. ४६ आन्महतः समानाधिकरणजातीययोः |
६. ३. ४७ द्व्यष्टनः संख्यायामबहुव्रीह्यशीत्योः |
६. ३. ४८ त्रेस्त्रयः |
६. ३. ४९ विभाषा चत्वारिंशत्प्रभृतौ सर्वेषाम् |
६. ३. ५० हृदयस्य हृल्लेखयदण्लासेषु |
६. ३. ५१ वा शोकष्यञ्रोगेषु |
६. ३. ५२ पादस्य पदाज्यातिगोपहतेषु |
६. ३. ५३ पद् यत्यतदर्थे |
६. ३. ५४ हिमकाषिहतिषु च |
६. ३. ५५ ऋचः शे |
६. ३. ५६ वा घोषमिश्रशब्देषु |
६. ३. ५७ उदकस्योदः संज्ञायाम् |
६. ३. ५८ पेषंवासवाहनधिषु च |
६. ३. ५९ एकहलादौ पूरयितव्येऽन्यतरस्याम् |
६. ३. ६० मन्थौदनसक्तुबिन्दुवज्रभारहारवीवधगाहेषु च |
६. ३. ६१ इको ह्रस्वोऽङ्यो गालवस्य |
६. ३. ६२ एक तद्धिते च |
६. ३. ६३ ङ्यापोः संज्ञाछन्दसोर्बहुलम् |
६. ३. ६४ त्वे च |
६. ३. ६५ इष्टकेषीकामालानां चिततूलभारिषु |
६. ३. ६६ खित्यनव्ययस्य |
६. ३. ६७ अरुर्द्विषदजन्तस्य मुम् |
६. ३. ६८ इच एकाचोऽम्प्रत्ययवच्च |
६. ३. ६९ वाचंयमपुरंदरौ च |
६. ३. ७० कारे सत्यागदस्य |

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