४. २. ७६ स्त्रीषु सौवीरसाल्वप्राक्षु |
४. २. ७७ सुवास्त्वादिभ्योऽण् |
४. २. ७८ रोणी |
४. २. ७९ कोपधाच्च |
४. २. ८० वुञ्छण्कठजिलशेनिरढञ्ण्ययफक्फिञिञ्ञ्य-
कक्ठकोऽरीहणकृशाश्वर्श्यकुमुदकाशतृणप्रेक्षाऽश्मसखि-
संकाशबलपक्षकर्णसुतंगमप्रगदिन्वराहकुमुदादिभ्यः |
४. २. ८१ जनपदे लुप् |
४. २. ८२ वरणादिभ्यश्च |
४. २. ८३ शर्कराया वा |
४. २. ८४ ठक्छौ च |
४. २. ८५ नद्यां मतुप् |
४. २. ८६ मध्वादिभ्यश्च |
४. २. ८७ कुमुदनडवेतसेभ्यो ड्मतुप् |
४. २. ८८ नडशादाड्ड्वलच् |
४. २. ८९ शिखाया वलच् |
४. २. ९० उत्करादिभ्यश्छः |
४. २. ९१ नडादीनां कुक् च |
४. २. ९२ शेषे |
४. २. ९३ राष्ट्रावारपाराद्घखौ |
४. २. ९४ ग्रामाद्यखञौ |
४. २. ९५ कत्त्र्यादिभ्यो ढकञ् |
४. २. ९६ कुलकुक्षिग्रीवाभ्यः श्वास्यलंकारेषु |
४. २. ९७ नद्यादिभ्यो ढक् |
४. २. ९८ दक्षिणापश्चात्पुरसस्त्यक् |
४. २. ९९ कापिश्याः ष्फक् |
४. २. १०० रंकोरमनुष्येऽण् च |
४. २. १०१ द्युप्रागपागुदक्प्रतीचो यत् |
४. २. १०२ कन्थायाष्ठक् |
४. २. १०३ वर्णौ वुक् |
४. २. १०४ अव्ययात्त्यप् |
४. २. १०५ ऐषमोह्यःश्वसोऽन्यतरस्याम् |
४. २. १०६ तीररूप्योत्तरपदादञ्ञौ |
४. २. १०७ दिक्पूर्वपदादसंज्ञायां ञः |
४. २. १०८ मद्रेभ्योऽञ् |
४. २. १०९ उदीच्यग्रामाच्च बह्वचोऽन्तोदात्तात् |
४. २. ११० प्रस्थोत्तरपदपलद्यादिकोपधादण् |
४. २. १११ कण्वादिभ्यो गोत्रे |
४. २. ११२ इञश्च |
४. २. ११३ न द्व्यचः प्राच्यभरतेषु |
४. २. ११४ वृद्धाच्छः |
४. २. ११५ भवतष्ठक्छसौ |
४. २. ११६ काश्यादिभ्यष्ठञ्ञिठौ |
४. २. ११७ वाहीकग्रामेभ्यश्च |
४. २. ११८ विभाषोशीनरेषु |
४. २. ११९ ओर्देशे ठञ् |
४. २. १२० वृद्धात् प्राचाम् |
४. २. १२१ धन्वयोपधाद्वुञ् |
४. २. १२२ प्रस्थपुरवहान्ताच्च |
४. २. १२३ रोपधेतोः प्राचाम् |
४. २. १२४ जनपदतदवध्योश्च |
४. २. १२५ अवृद्धादपि बहुवचनविषयात् |
४. २. १२६ कच्छाग्निवक्त्रगर्त्तोत्तरपदात् |
४. २. १२७ धूमादिभ्यश्च |
४. २. १२८ नगरात् कुत्सनप्रावीण्ययोः |
४. २. १२९ अरण्यान्मनुष्ये |
४. २. १३० विभाषा कुरुयुगन्धराभ्याम् |
४. २. १३१ मद्रवृज्योः कन् |
४. २. १३२ कोपधादण् |
४. २. १३३ कच्छादिभ्यश्च |
४. २. १३४ मनुष्यतत्स्थयोर्वुञ् |
४. २. १३५ अपदातौ साल्वात् |
४. २. १३६ गोयवाग्वोश्च |
४. २. १३७ गर्तोत्तरपदाच्छः |
४. २. १३८ गहादिभ्यश्च |
४. २. १३९ प्राचां कटादेः |
४. २. १४० राज्ञः क च |
४. २. १४१ वृद्धादकेकान्तखोपधात् |
४. २. १४२ कन्थापलदनगरग्रामह्रदोत्तरपदात् |
४. २. १४३ पर्वताच्च |
४. २. १४४ विभाषाऽमनुष्ये |
४. २. १४५ कृकणपर्णाद्भारद्वाजे |

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