१. १. १ वृद्धिरादैच् |
१. १. २ अदेङ् गुणः |
१. १. ३ इको गुणवृद्धी |
१. १. ४ न धातुलोप आर्धधातुके |
१. १. ५ ग्क्ङिति च |
१. १. ६ दीधीवेवीटाम् |
१. १. ७ हलोऽनन्तराः संयोगः |
१. १. ८ मुखनासिकावचनोऽनुनासिकः |
१. १. ९ तुल्यास्यप्रयत्नं सवर्णम् |
१. १. १० नाज्झलौ |
१. १. ११ ईदूदेद्द्विवचनं प्रगृह्यम् |
१. १. १२ अदसो मात् |
१. १. १३ शे |
१. १. १४ निपात एकाजनाङ् |
१. १. १५ ओत् |
१. १. १६ सम्बुद्धौ शाकल्यस्येतावनार्षे |
१. १. १७ उञः |
१. १. १८ ऊँ |
१. १. १९ ईदूतौ च सप्तम्यर्थे |
१. १. २० दाधा घ्वदाप् |
१. १. २१ आद्यन्तवदेकस्मिन् |
१. १. २२ तरप्तमपौ घः |
१. १. २३ बहुगणवतुडति संख्या |
१. १. २४ ष्णान्ता षट् |
१. १. २५ डति च |
१. १. २६ क्तक्तवतू निष्ठा |
१. १. २७ सर्वादीनि सर्वनामानि |
१. १. २८ विभाषा दिक्समासे बहुव्रीहौ |
१. १. २९ न बहुव्रीहौ |
१. १. ३० तृतीयासमासे |
१. १. ३१ द्वन्द्वे च |
१. १. ३२ विभाषा जसि |
१. १. ३३ प्रथमचरमतयाल्पार्धकतिपयनेमाश्च |
१. १. ३४ पूर्वपरावरदक्षिणोत्तरापराधराणि
व्यवस्थायामसंज्ञायाम् |
१. १. ३५ स्वमज्ञातिधनाख्यायाम् |
१. १. ३६ अन्तरं बहिर्योगोपसंव्यानयोः |
१. १. ३७ स्वरादिनिपातमव्ययम् |
१. १. ३८ तद्धितश्चासर्वविभक्तिः |
१. १. ३९ कृन्मेजन्तः |
१. १. ४० क्त्वातोसुन्कसुनः |
१. १. ४१ अव्ययीभावश्च |
१. १. ४२ शि सर्वनामस्थानम् |
१. १. ४३ सुडनपुंसकस्य |
१. १. ४४ न वेति विभाषा |
१. १. ४५ इग्यणः सम्प्रसारणम् |
१. १. ४६ आद्यन्तौ टकितौ |
१. १. ४७ मिदचोऽन्त्यात्परः |
१. १. ४८ एच इग्घ्रस्वादेशे |
१. १. ४९ षष्ठी स्थानेयोगा |
१. १. ५० स्थानेऽन्तरतमः |
१. १. ५१ उरण् रपरः |
१. १. ५२ अलोऽन्त्यस्य |
१. १. ५३ ङिच्च |
१. १. ५४ आदेः परस्य |
१. १. ५५ अनेकाल्शित्सर्वस्य |
१. १. ५६ स्थानिवदादेशोऽनल्विधौ |
१. १. ५७ अचः परस्मिन् पूर्वविधौ |
१. १. ५८ न पदान्तद्विर्वचनवरेयलोपस्वरसवर्णानुस्वारदीर्घ-
जश्चर्विधिषु |
१. १. ५९ द्विर्वचनेऽचि |
१. १. ६० अदर्शनं लोपः |
१. १. ६१ प्रत्ययस्य लुक्श्लुलुपः |
१. १. ६२ प्रत्ययलोपे प्रत्ययलक्षणम् |
१. १. ६३ न लुमताऽङ्गस्य |
१. १. ६४ अचोऽन्त्यादि टि |
१. १. ६५ अलोऽन्त्यात् पूर्व उपधा |
१. १. ६६ तस्मिन्निति निर्दिष्टे पूर्वस्य |
१. १. ६७ तस्मादित्युत्तरस्य |
१. १. ६८ स्वं रूपं शब्दस्याशब्दसंज्ञा |
१. १. ६९ अणुदित् सवर्णस्य चाप्रत्ययः |
१. १. ७० तपरस्तत्कालस्य |
१. १. ७१ आदिरन्त्येन सहेता |
१. १. ७२ येन विधिस्तदन्तस्य |
१. १. ७३ वृद्धिर्यस्याचामादिस्तद् वृद्धम् |
१. १. ७४ त्यदादीनि च |
१. १. ७५ एङ् प्राचां देशे |

Hits: 270
X

Right Click

No right click