१५१ | तपो न | तप: + न |
१५२ | गुणो न | गुण: + न |
१५३ | मृगाश्चरन्ति |
मृगा: + चरन्ति
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१५४ | शान्तिचिरम् |
शान्ति: + चिरम्
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१५५ | सूनुरयम् |
सूनु: + अयम्
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१५६ | दिशश्च | दिश: + च |
१५७ | कुटुम्बिनो वद |
कुटुम्बिन: + वद
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१५८ | नैकेषामासनानाम् |
न + एकेषाम् + आसनानाम्
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१५९ | सम्मेलनमेव |
सम्मेलनम् + एव
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१६० | अहमनुतिष्ठामि |
अहम् + अनुतिष्ठामि
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१६१ | तस्योपरि | तस्य + उपरि |
१६२ | पूर्वमेव | पूर्वम् + एव |
१६३ | प्रयत्नो विधेय: |
प्रयत्न: + विधेय:
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१६४ | सुसिद्धिर्जनानाम् |
सुसिद्धि: + जनानाम्
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१६५ | वियत्युत्पतन्ति |
वियति + उत्पतन्ति
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१६६ | भवत्येव | भवति + एव |
१६७ | सर्वेभ्यो ज्ञानदायिनी |
सर्वेभ्य: + ज्ञानदायिनी
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१६८ | धर्मो जयति |
धर्म: + जयति
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१६९ | नानृतम् | न + अनृतम् |
१७० | नाधर्म: | न + अधर्म: |
१७१ | ेदेवो जयति |
देव: + जयति
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१७२ | नासुर: | न + असुर: |
१७३ | बालो न | बाल: + न |
१७४ | बक ो यथा | बक : + यथा |
१७५ | अतिपरिचयादवज्ञा |
अतिपरिचयात् + अवज्ञा
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१७६ | सन्ततगमनादनादरो भवति |
सन्ततगमनात् + अनादर: + भवति
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१७७ | चन्दन्तरुकाष्ठमिन्धनम् |
चन्दनतरुकाष्ठम् + इन्धनम्
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१७८ | धन्यस्त्रिलोकी |
धन्य: + त्रिलोकी
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१७९ | ऋग्वेदेपि |
ऋग्वेदे + अपि
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१८० | वर्णनमस्ति |
वर्णनम् + अस्ति
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