७. १. १ युवोरनाकौ |
७. १. २ आयनेयीनीयियः फढखच्छघां प्रत्ययादीनाम् |
७. १. ३ झोऽन्तः |
७. १. ४ अदभ्यस्तात् |
७. १. ५ आत्मनेपदेष्वनतः |
७. १. ६ शीङो रुट् |
७. १. ७ वेत्तेर्विभाषा |
७. १. ८ बहुलं छन्दसि |
७. १. ९ अतो भिस ऐस् |
७. १. १० बहुलं छन्दसि |
७. १. ११ नेदमदसोरकोः |
७. १. १२ टाङसिङसामिनात्स्याः |
७. १. १३ ङेर्यः |
७. १. १४ सर्वनाम्नः स्मै |
७. १. १५ ङसिङ्योः स्मात्स्मिनौ |
७. १. १६ पूर्वादिभ्यो नवभ्यो वा |
७. १. १७ जसः शी |
७. १. १८ औङ आपः |
७. १. १९ नपुंसकाच्च |
७. १. २० जस्शसोः शिः |
७. १. २१ अष्टाभ्य औश् |
७. १. २२ षड्भ्यो लुक् |
७. १. २३ स्वमोर्नपुंसकात् |
७. १. २४ अतोऽम् |
७. १. २५ अद्ड् डतरादिभ्यः पञ्चभ्यः |
७. १. २६ नेतराच्छन्दसि |
७. १. २७ युष्मदस्मद्भ्यां ङसोऽश् |
७. १. २८ ङे प्रथमयोरम् |
७. १. २९ शसो न |
७. १. ३० भ्यसः भ्यम् |
७. १. ३१ पञ्चम्या अत् |
७. १. ३२ एकवचनस्य च |
७. १. ३३ साम आकम् |
७. १. ३४ आत औ णलः |
७. १. ३५ तुह्योस्तातङाशिष्यन्यतरस्याम् |
७. १. ३६ विदेः शतुर्वसुः |
७. १. ३७ समासेऽनञ्पूर्वे क्त्वो ल्यप् |
७. १. ३८ क्त्वाऽपि छन्दसि |
७. १. ३९ सुपां सुलुक्पूर्वसवर्णाऽऽच्छेयाडाड्यायाजालः |
७. १. ४० अमो मश् |
७. १. ४१ लोपस्त आत्मनेपदेषु |
७. १. ४२ ध्वमो ध्वात् |
७. १. ४३ यजध्वैनमिति च |
७. १. ४४ तस्य तात् |
७. १. ४५ तप्तनप्तनथनाश्च |
७. १. ४६ इदन्तो मसि |
७. १. ४७ क्त्वो यक् |
७. १. ४८ इष्ट्वीनमिति च |
७. १. ४९ स्नात्व्यादयश्च |
७. १. ५० आज्जसेरसुक् |
७. १. ५१ अश्वक्षीरवृषलवणानामात्मप्रीतौ क्यचि |
७. १. ५२ आमि सर्वनाम्नः सुट् |
७. १. ५३ त्रेस्त्रयः |
७. १. ५४ ह्रस्वनद्यापो नुट् |
७. १. ५५ षट्चतुर्भ्यश्च |
७. १. ५६ श्रीग्रामण्योश्छन्दसि |
७. १. ५७ गोः पादान्ते |
७. १. ५८ इदितो नुम् धातोः |
७. १. ५९ शे मुचादीनाम् |
७. १. ६० मस्जिनशोर्झलि |
७. १. ६१ रधिजभोरचि |
७. १. ६२ नेट्यलिटि रधेः |
७. १. ६३ रभेरशब्लिटोः |
७. १. ६४ लभेश्च |
७. १. ६५ आङो यि |
७. १. ६६ उपात् प्रशंसायाम् |
७. १. ६७ उपसर्गात् खल्घञोः |
७. १. ६८ न सुदुर्भ्यां केवलाभ्याम् |
७. १. ६९ विभाषा चिण्णमुलोः |
७. १. ७० उगिदचां सर्वनामस्थानेऽधातोः |
७. १. ७१ युजेरसमासे |
७. १. ७२ नपुंसकस्य झलचः |
७. १. ७३ इकोऽचि विभक्तौ |
७. १. ७४ तृतीयाऽऽदिषु भाषितपुंस्कं पुंवद्गालवस्य |
७. १. ७५ अस्थिदधिसक्थ्यक्ष्णामनङुदात्तः |
७. १. ७६ छन्दस्यपि दृश्यते |
७. १. ७७ ई च द्विवचने |
७. १. ७८ नाभ्यस्ताच्छतुः |
७. १. ७९ वा नपुंसकस्य |
७. १. ८० आच्छीनद्योर्नुम् |
७. १. ८१ शप्श्यनोर्नित्यम् |
७. १. ८२ सावनडुहः |
७. १. ८३ दृक्स्ववस्स्वतवसां छन्दसि |
७. १. ८४ दिव औत् |
७. १. ८५ पथिमथ्यृभुक्षामात् |
७. १. ८६ इतोऽत् सर्वनामस्थाने |
७. १. ८७ थो न्थः |
७. १. ८८ भस्य टेर्लोपः |
७. १. ८९ पुंसोऽसुङ् |
७. १. ९० गोतो णित् |
७. १. ९१ णलुत्तमो वा |
७. १. ९२ सख्युरसम्बुद्धौ |
७. १. ९३ अनङ् सौ |
७. १. ९४ ऋदुशनस्पुरुदंशोऽनेहसां च |
७. १. ९५ तृज्वत् क्रोष्टुः |
७. १. ९६ स्त्रियां च |
७. १. ९७ विभाषा तृतीयाऽऽदिष्वचि |
७. १. ९८ चतुरनडुहोरामुदात्तः |
७. १. ९९ अम् सम्बुद्धौ |
७. १. १०० ॠत इद्धातोः |
७. १. १०१ उपधायाश्च |
७. १. १०२ उदोष्ठ्यपूर्वस्य |
७. १. १०३ बहुलं छन्दसि |

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